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I LOVE YOU MAA

❤❤❤❤ I LOVE YOU MAA ❤❤❤❤                           

                      मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
                        अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है।
                       वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
                          मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।



माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।

                                                        ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
                                                        हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
                                                        तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
                                                       मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।

             


वह माँ ही है जिसके रहते,
जिंदगी में कोई गम नहीं होता,
दुनिया साथ दे या ना दे पर,
माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।

कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम,
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है।
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ,
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है।


सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,
याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते,
मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से,
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।


माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए,
जिसको निगहों में बिठाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो हमसे श्री मुस्कुराया ना जाऐ।

किसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता ,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,


जिंदगी की पहली Teacher माँ,
zindagi की पहली Friend माँ ,
जिंदगी भी माँ क्योंकि,
zindagi देने वाली भी माँ,

                                                            माँ मैं तुझको खोना नहीं चाहती,

तुझे देख रोना नहीं चाहती,
तुझ से जुड़ गया है दिल मेरा,
तुझे छोड़ कुछ पाना नही चाहती।

हर रिसते में मिलावट देखी है ,
कच्चे रंगो की सजावट देखी है,
लेकिन सालों साल देखा है, माँ को


माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा

घुटनों से रेंगते-रेंगते जब
पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ा हो गया।

हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर,
देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम,
माँ, तेरी गोद में मुझे,
जन्नत का एहसास होता है।

इस दुनिया में जितने रिश्ते , सारे झूठे बेहरूप,,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा ,माँ है रब का रूप।

हालातों के आगे जब साथ ना जुबौं होती है,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ ” माँ ” होती है।


मैं करता रहा सैर जन्नत में रातभर सुबह,
आँख खुली तो देखा सर माँ के कदमों में था। माँ

जब – जब कागज पर लिखा मैने माँ का नाम ,
कलम अदब से बोल उठी हो गये चारो धाम।

है एक कर्ज़ जो हर दम सवार रहता है,
वो माँ का प्यार है . सब पर उधार रहता है ! !

जिस के होने से मैं खुदको मुक्कम्मल मानती हूँ ,
मेरे रब के बाद मैं बस अपने माँ – बाप को जानती हूँ


ज़िन्दगी में ऊपर वाले से इतना जरूर मांग लेना की,
माँ के बिना कोई घर ना हो और कोई माँ बेघर ना हो।

उसके चहरे पे न कभी थकावट देखी है,
न ममता में कभी मिलावट देखी है।

भगवान हर जगह नहीं हो सकते,
इसलिए उसने माँ बनायीं।

माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा

इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा

जिसके पैरों के नीचे जन्नत है

उसके सर का मक़ाम क्या होगा


मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है

माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है

मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों

सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था

हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,

हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए।

हजारों बन्द चाहिए समद्र बनाने के लिए,

पर “ माँ “ अकेली ही काफी है,

बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए

किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता
न जाने क्यों आज के इंसान इस बात से अनजान हैं
छोड़ देते हैं बुढ़ापे में जिसे वो माँ तो एक वरदान है

ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे

ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता है।

एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश मेने

एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे



माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।

   




I LOVE YOU MAA I LOVE YOU MAA Reviewed by Farman khan on January 21, 2021 Rating: 5

6 comments:

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